Key Points:
- PM-कुसुम योजना में सोलर पंप पर 68% से 90% तक अनुदान
- 2 से 10 एचपी तक के पंपों पर अधिकतम 2.54 लाख रुपये की सब्सिडी
- ई-लॉटरी से चयन, 5,000 रुपये टोकन मनी अनिवार्य
Key Points:
- PM-कुसुम योजना में सोलर पंप पर 68% से 90% तक अनुदान
- 2 से 10 एचपी तक के पंपों पर अधिकतम 2.54 लाख रुपये की सब्सिडी
- ई-लॉटरी से चयन, 5,000 रुपये टोकन मनी अनिवार्य
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-कुसुम) किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रहा है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर सोलर पंप योजना को चला रही हैं। इसका उद्देश्य किसानों को सस्ती और स्थायी ऊर्जा उपलब्ध कराना है। सोलर पंप योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगाने पर बड़ी सब्सिडी दी जा रही है। अनुदान 68 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक मिल सकता है।
करीब 1 लाख रुपए तक का अनुदान
2 एचपी के सरफेस सोलर पंप की तय कीमत 1,64,322 रुपये है। किसान को इस पर करीब 1 लाख रुपये का अनुदान मिल जाता है। योजना का लाभ 2 एचपी से 10 एचपी तक के सबमर्सिबल पंपों पर भी मिलता है। अधिकतम 2,54,983 रुपये तक की सहायता दी जा सकती है। यह योजना खास तौर पर उन किसानों के लिए बनाई गई है, जो निजी नलकूप कनेक्शन पर निर्भर हैं और जिन्हें सिंचाई के लिए सुरक्षित बिजली की जरूरत रहती है।
सोलर पंप लगने से किसानों का डीजल पर खर्च कम होगा। बिजली पर निर्भरता भी घटेगी। फसल सिंचाई बिना रुकावट के हो पाएगी। किसान अगर सौर ऊर्जा बचा लेते हैं, तो उसे ग्रिड में बेचकर अतिरिक्त आय भी पा सकते हैं।
कैसे ले सकते हैं योजना का लाभ
योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को upagriculture.up.gov.in पर पंजीकरण कराना जरूरी है। सोलर पंप की बुकिंग भी इसी वेबसाइट से करनी होती है। चयन पूरी तरह ई-लॉटरी से होगा। बुकिंग करते समय 5,000 रुपये टोकन मनी जमा करना पड़ता है। बुकिंग तय हो जाने के बाद बाकी राशि चालान के जरिए इंडियन बैंक में या ऑनलाइन जमा करनी होगी। राशि जमा न होने पर आवेदन रद्द हो जाता है और टोकन मनी वापस नहीं मिलती।
अनुदान पाने के लिए बोरिंग का सही व्यास और गहराई होना जरूरी है। 2 एचपी पंप के लिए 4 इंच और 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच बोरिंग होना अनिवार्य है। जांच के दौरान बोरिंग मानकों पर खरा नहीं उतरा तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और टोकन मनी भी जब्त होगी। पंप लगने के बाद जगह बदलने की अनुमति नहीं मिलती है। ऐसा करने पर पूरी अनुदान राशि किसान से वसूली जाती है।


















