Employee Wage Rate: केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में संशोधन किया है और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि की है। केंद्र सरकार के इस फैसले का उद्देश्य श्रमिकों के जीवन यापन की बढ़ती लागत से निपटना है। नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएंगे। बता दें कि इससे पहले पिछला संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था।
किन श्रमिकों को मिलेगा लाभ?
केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ भवन निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, स्वीपिंग, क्लीनिंग, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि सहित अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले और संगठित मजदूरों को मिलेगा। भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर इसे ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है।
गुरुवार को केंद्र सरकार ने Employee Wage Rate में संशोधन करने के बाद न्यूनतम मजदूरी दर 1035 तक कर दी है। श्रम मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि इस समायोजन का उद्देश्य श्रमिकों के जीवन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है।
Employee Wage Rate: कितनी बढ़ी मजदूरी?
श्रमिकों की मजदूरी में केंद्र सरकार द्वारा जो वृद्धि किया गया है, उसका डिटेल नीचे दिया गया है।
- अकुशल श्रमिकों जैसे निर्माण और सफाई में काम करने वाले को अब प्रतिदिन 783 रुपए यानी प्रति माह ₹20358 रुपए मिलेंगे।
- अर्ध कुशल श्रमिकों को अब प्रतिदिन 868 रुपए और महीने में 22,568 रुपए मिलेंगे।
- कुशल श्रमिकों को और कलर्क को प्रतिदिन 954 मिलेंगे और महीने के हिसाब से 24,804 मिलेंगे।
- उच्च कुशलता वाले श्रमिक को नई मजदूरी रेट के अनुसार 1035 रुपए प्रतिदिन और महीने में 26,910 मिलेंगे।
- सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को भी नई मजदूरी रेट के अनुसार प्रतिदिन 1035 और महीने में 26,910 मिलेंगे।
किस आधार पर बढ़ाई गई मजदूरी रेट?
बता दें कि सरकार हर साल अप्रैल और अक्टूबर में महंगाई भत्ता में वृद्धि करती है। यह वृद्धि औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के उतार-चढ़ाव के आधार पर की जाती है। इसमें समय-समय पर केंद्र सरकार संशोधन करती रहती है, ताकि श्रमिकों के जीवन यापन की लागत को ध्यान में रखा जा सके।




















