प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY): प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) एक महत्वपूर्ण योजना है जो कि भारत सरकार ने शुरू की है। भारत में कृषि का क्षेत्र लाखों लोगों के लिए रोज़गार का एक बड़ा जरिया है। लेकिन जो छोटे और सीमांत किसान होते हैं उन्हें अक्सर बुढ़ापे में पैसों की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना की शुरुआत की गई है।
ये योजना सितंबर 2019 में लांच हुई थी और इसका मुख्य मकसद छोटे और सीमांत किसानों को उनके बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देना है। इस योजना के तहत जब किसान 60 साल के हो जाते हैं तो उन्हें हर महीने 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी। इस तरह यह योजना किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में एक अहम कदम साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) का उद्देश्य
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वृद्धावस्था में वित्तीय सहायता प्रदान करना है। खेती पर निर्भर ये किसान अपनी वृद्धावस्था में नियमित आय के लिए किसी व्यवस्था के अभाव में संघर्ष करते हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को वृद्धावस्था में आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) पात्रता
इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं:
- योजना के तहत 18 से 40 वर्ष तक के किसान आवेदन कर सकते हैं।
- योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) से कम कृषि भूमि है।
- किसान की वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- पीएम-किसान योजना के लाभार्थी किसान स्वत: इस योजना के लिए पात्र होते हैं।
PM Kishan Mandhan Yojana में योगदान
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु तक मासिक अंशदान करना होता है, जो उनकी आयु के आधार पर 55 रुपये से 200 रुपये तक होता है। उदाहरण के लिए, 18 वर्ष के किसान को 55 रुपये प्रति माह और 40 वर्ष के किसान को 200 रुपये प्रति माह अंशदान करना होगा। किसान के द्वारा किया गया अंशदान बराबर राशि में सरकार भी योगदान देगी। इससे उनका पेंशन फंड बढ़ता है और फिर सरकार किसानों को इसी खाते में पेंशन देती है।
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) का लाभ
- 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को हर महीने 3000 रुपये की पेंशन मिलती है।
- यदि योजना का लाभार्थी किसान 60 वर्ष की आयु से पहले निधन हो जाता है, तो उसके परिवार को जमा राशि का 50% प्राप्त होता है। इससे परिवार को भी कुछ राहत मिलती है।
- यदि किसी कारणवश किसान अंशदान बंद करना चाहता है तो उसे योजना से बाहर निकलने की अनुमति मिलती है और उसका अंशदान ब्याज सहित वापस कर दिया जाता है।
PM Kishan Mandhan Yojana (PMKMY) आवश्यक दस्तावेज़
योजना में पंजीकरण के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड: पहचान के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
- बैंक खाता: किसानों के पास बैंक खाता होना चाहिए, जिसमें उनका अंशदान और पेंशन जमा हो सके।
- जन्म प्रमाण पत्र: आयु प्रमाणित करने के लिए।
- मोबाइल नंबर: किसानों से संपर्क के लिए।
- भूमि दस्तावेज़: यह साबित करने के लिए कि किसान सीमांत भूमि का स्वामी है।
Pradhan Mantri Kishan Mandhan Yojana पंजीकरण प्रक्रिया
- किसान PMKMY की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
- इसके अलावा निकटतम जन सेवा केंद्र (CSC) के माध्यम से भी पंजीकरण किया जा सकता है।
- किसान को आवेदन के समय आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और भूमि के कागजात जमा करने होते हैं।
- एक बार पंजीकरण हो जाने के बाद किसान को पेंशन योजना में शामिल कर लिया जाता है और उसका मासिक अंशदान शुरू हो जाता है।
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PMKMY) छोटे और सीमांत किसानों के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जो किसानों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है। यह योजना न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारती है बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी देती है। सरकार की यह योजना कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जो देश के लाखों किसानों की भलाई के लिए है।




















